झेलम नदी उद्गम, मानचित्र, सहायक नदियां, बांध (Jhelam nadi map)

सभी पाठकों को मेरा नमस्कार! आज की इस पोस्ट झेलम नदी (Jhelam nadi) में हम झेलम नदी का सामान्य परिचय, उद्गम स्थल, प्रवाह क्षेत्र, सहायक नदियाँ, झेलम पर स्थित जल विद्युत परियोजनाएं, झेलम नदी के किनारे स्थित प्रमुख शहरों तथा झेलम नदी के मानचित्र को विस्तार से समझेंगे। मैंने इस पोस्ट में झेलम से संबंधित लगभग सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं को सम्मिलित करने का प्रयास किया है और इसके मानचित्र को भी बनाया है जिसे देखते हुए ध्यान से इस पोस्ट को पढ़ें।झेलम नदी मानचित्र (map)

झेलम नदी का सामान्य परिचय-

झेलम नदी सिंधु नदी तंत्र की एक महत्वपूर्ण नदी है जो कि सिंधु नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी चेनाब की एक सहायक नदी है। पंजाब क्षेत्र की पांच नदियों (पंचनद) में से सबसे पश्चिमी नदी है। झेलम नदी भारत के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की सबसे महत्वपूर्ण नदी है। यह नदी भारत के जम्मू कश्मीर और पाकिस्तान के खै़बरपख्तूनख्वा और पंजाब प्रांत में बहती है। झेलम नदी की लंबाई 725 किलोमीटर है। 

ऐतिहासिक रूप से भी यह नदी बहुत ही महत्वपूर्ण है झेलम नदी के किनारे पर ही राजा पोरस और सिकंदर के मध्य हाइडस्पेस का युद्ध लड़ा गया था ग्रीक भाषा में झेलम नदी को हाइडस्पेस कहा जाता है। इसका का प्राचीन नाम वितास्ता (संस्कृत भाषा में) है।

झेलम नदी का उद्गम स्थल –

झेलम नदी कश्मीर घाटी के दक्षिण पूर्वी भाग में पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला की पदस्थली में स्थित बेरीनाग झील से बेरीनाग झरने के रूप में निकलती है। बेरीनाग झील का पानी बेरीनाग झरने के रूप में शेषनाग झील में गिरता है और शेषनाग झील से यह नदी प्रारंभ होती है। बेरीनाग झील जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित है। झेलम नदी का उद्गम स्थल

Note- बेरीनाग झील और बेरीनाग झरना तथा शेषनाग झील में से कोई भी एक परीक्षा में झेलम नदी के उद्गम स्थल के रूप में पूछा जा सकता है यह तीनों ही उत्तर सही है। 

कश्मीर घाटी जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में वृहद हिमालय और पीर पंजाल श्रेणियों के मध्य स्थित है। बेरीनाग झील, शेषनाग झील, श्रीनगर, डल झील, अंचार झील, वुलर झील आदि कश्मीर घाटी में ही स्थित है। झेलम नदी को कश्मीर घाटी की जीवन रेखा माना जाता है।

झेलम नदी का मानचित्र (Jhelam Nadi Map)-

झेलम नदी मानचित्र (map)

  • बेरीनाग झील से निकलने के बाद झेलम नदी कश्मीर घाटी में प्रवेश करती है। यहां पर यह दो मुख्य सहायक नदियों लिड्डर नदी और विशव नदी का जल प्राप्त करती है। 
  • इसके बाद अवंतीपुरा से होते हुए झेलम नदी श्रीनगर पहुंचती है। श्रीनगर में ही झेलम के दाएं ओर डल झील स्थित है जो एक नहर से झेलम नदी से जुड़ी हुई है।
  • श्रीनगर के आगे ही झेलम के दाएं तट पर अंकार झील (Anchar Lake) स्थित है।
  • श्रीनगर के आगे कश्मीर घाटी के उत्तर में बांदीपुरा जिले में झेलम नदी वुलर झील में जाकर गिरती है जो भारत की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील है। यह झील अपनी प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता के लिए जानी जाती है। वुलर झील के मुहाने पर तुलबुल परियोजना बनाई गई है।
  • वुलर झील से निकलने के बाद यह नदी बारामूला के पास पीर पंजाल श्रेणी को काटते हुए पार करती है और उरी पहुंचती है।
  • जम्मू कश्मीर के बारामूला जिले में झेलम पर उरी के पास उरी बांध बनाया गया है।
  • उरी से आगे झेलम पाक अधिकृत कश्मीर (POK) में प्रवेश करती है । पाक अधिकृत कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद के पास झेलम दक्षिण की ओर मुड़ जाती है और कुछ दूरी तक भारत-पाकिस्तान की सीमा बनाती है।
  • मुजफ्फराबाद के पास ही झेलम नदी में किशनगंगा नदी (नीलम नदी) मिलती है। जो झेलम की सबसे बड़ी सहायक नदी है। किशनगंगा नदी पर ही भारत किशनगंगा हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर स्टेशन विकसित कर रहा है।
  • मुजफ्फराबाद के बाद झेलम नदी दक्षिण की ओर भारत पाक सीमा पर प्रवाहित होते हुए पंजाब के मैदान में प्रवेश करती है।
  • यहीं पाक अधिकृत कश्मीर में मीरपुर के पास झेलम पर मंगला डैम स्थित है।
  • इसके आगे झेलम नदी पंजाब के मैदान में बहते हुए पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के क्षंग जिले के त्रिम्मू नामक स्थान पर चेनाब नदी से मिल जाती है। बाद में चेनाब नदी सिंधु नदी से मिल जाती है।

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झेलम नदी के उपनाम/ अन्यनाम-

  • झेलम नदी को वैदिक काल में संस्कृत भाषा में वितस्ता कहा जाता था। 
  • झेलम नदी को कश्मीरी भाषा में व्यथ कहा जाता है।
  • पंजाबी भाषा में झेलम को बिहट/बीहट कहा जाता है।
  • ग्रीक भाषा में झेलम  को हाइडस्पेस कहा जाता है।

झेलम नदी की सहायक नदियां- 

दाएं और से मिलने वाली सहायक नदियां- लिड्डर नदी, पोहरू नदी, सिंध नदी, किशनगंगा (नीलम) नदी

बाईं ओर से मिलने वाली सहायक नदियां- रामबिरा नदी, विशव नदी, दूधगंगा नदी, डुडांगा नदी, सुखनांग नदी

किशनगंगा नदी (नीलम नदी)- 

किशनगंगा नदी झेलम नदी की सबसे महत्वपूर्ण और सबसे लंबी सहायक नदी है। किशनगंगा नदी जम्मू कश्मीर के सोनमर्ग शहर के पास स्थित किशनसर झील से निकलती है। कुछ दूर तक यह नदी नियंत्रण रेखा के साथ-साथ बहती है और पाक अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में दाखिल हो जाती है। मुजफ्फराबाद के पास किशनगंगा नदी झेलम में मिल जाती है। किशनगंगा नदी को पाकिस्तान में नीलम नदी के नाम से जाना जाता है।

  • जम्मू कश्मीर का सोनमर्ग शहर सिंध नदी के किनारे स्थित है। 

झेलम नदी के किनारे स्थित प्रमुख शहर- 

श्रीनगर, अनंतनाग, बारामुला, उरी, सोपोर, मुजफ्फराबाद आदि शहर झेलम नदी के किनारे स्थित है।

झेलम नदी जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के बीच से होकर गुजरती है । बारामुला और उरी शहर भी झेलम नदी के किनारे स्थित है। पाक अधिकृत कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद भी झेलम और नीलम नदी (किशनगंगा) के संगम पर स्थित है। 

झेलम नदी पर स्थित जल विद्युत परियोजनाएं-

तुलबुल जल विद्युत परियोजना- 

तुलबुल परियोजना जम्मू कश्मीर के बांदीपुरा जिले में वुलर झील के मुहाने पर स्थित है। यह परियोजना झेलम नदी पर बनाई गई है और इसका उद्देश्य वुलर झील के पानी के स्तर को नियंत्रित करना है, सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराना और बाढ़ को रोकना है। तुलबुल परियोजना को लेकर भी भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद है पाकिस्तान इसे सिंधु जल समझौते का उल्लंघन मानता है।

उरी जल विद्युत परियोजना-

जम्मू कश्मीर के बारामूला जिले में झेलम नदी पर उरी के पास उरी बांध बनाया गया है। यह प्रोजेक्ट नियंत्रण रेखा (LAC line of control) के बहुत पास है। यहां पर उरी जल विद्युत परियोजना चलाई जा रही है जिसकी कुल बिजली उत्पादन क्षमता 480 मेगावाट की है। यह प्रोजेक्ट दो चरणों में तैयार हुआ है इसके द्वितीय चरण में बांध के साथ 4.3 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई गई है जिसके द्वारा पानी पावर हाउस तक जाता है।

किशनगंज जल विद्युत परियोजना-

किशनगंगा जल विद्युत परियोजना जम्मू कश्मीर के बांदीपुरा जिले में झेलम नदी की सहायक नदी किशनगंगा पर बनाई जा रही है। इसकी क्षमता 330 मेगावाट होगी। किशनगंगा जल विद्युत परियोजना भारत और पाकिस्तान के मध्य विवाद का एक विषय है क्योंकि पाकिस्तान का मानना है कि यह परियोजना सिंधु जल समझौते का उल्लंघन करती है।

मंगला बांध- 

मंगला बांध पाक अधिकृत कश्मीर के मीरपुर जिले में झेलम  पर स्थित एक विशाल बांध है। मंगला बांध अपने पीछे मंगला झील नामक कृत्रिम झील का निर्माण करता है।

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