सभी पाठकों को मेरा नमस्कार आज की इस पोस्ट गंगा नदी तंत्र (Ganga Nadi Tantra) में हम गंगा नदी तंत्र के सामान्य परिचय , गंगा नदी की विशेषताएं , गंगा नदी का उद्गम, मुहाना, प्रवाह क्षेत्र, पंच प्रयाग और गंगा नदी की सभी सहायक नदियों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। साथ ही गंगा और उसकी सहायक नदियों के किनारे बसे हुए प्रमुख नगरों की भी बात करेंगे ।इन सब चीजों को हम चित्रों और मैप की सहायता से विस्तार से समझेंगे। मैं इस पोस्ट में गंगा नदी तंत्र से संबंधित लगभग सभी तथ्यों को समाहित करने का प्रयास करूंगा।
ऐसी ही बहुत सारी पोस्टों की सहायता से हम भारत के सभी नदी तंत्रो को विस्तार से समझेंगे । इन सभी नदी तंत्रो को समझने से पहले हमें भारत के अपवाह तंत्र के वर्गीकरण को समझना होगा जिसे मैं कुछ इमेज की सहायता से समझाने का प्रयास कर रहा हूं। भारत के अपवाह तंत्र को डिटेल में हम एक अन्य पोस्ट में पढ़ेंगे। –
गंगा नदी तंत्र (Ganga Nadi Tantra) का सामान्य परिचय-
- गंगा नदी तंत्र लगभग 8.5 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला भारत का सबसे बड़ा नदी तंत्र है।
- गंगा नदी तंत्र , इस तंत्र की सबसे प्रमुख नदी गंगा और उसकी सभी सहायक नदियों के से बनता है।
- गंगा नदी तंत्र (Ganga Nadi tantara) में निम्न नदियां आती हैं गंगा, यमुना, चंबल , सोन, रामगंगा, गंडक, कोसी, गोमती ,घाघरा, महानदी आदि।
- गंगा नदी तंत्र (Ganga Nadi tantra) एक अंतरराष्ट्रीय नदी तंत्र है यह नदी तंत्र भारत, चीन, नेपाल ,भूटान, बांग्लादेश आदि देशों में फैला है।
- गंगा नदी की सबसे अधिक पानी लाने वाली सहायक नदियां नेपाल से निकलते हैं इसीलिए नेपाल को वॉटर टावर ऑफ़ गंगा (water tower of Ganga) कहा जाता है।
- गंगा नदी तंत्र ( Ganga Nadi tantra) भारत के 15 राज्यों में फैला हुआ है।
- गंगा नदी तंत्र (Ganga Nadi tantra) का मुहाना बंगाल की खड़ी है। बंगाल की खाड़ी में गिरने से पहले गंगा नदी ब्रह्मपुत्र नदी के साथ मिलकर विश्व का सबसे बड़ा नदी डेल्टा सुंदरबन डेल्टा का निर्माण करती है। सुंदरबन का डेल्टा भारत की सबसे बड़ी रामसर साइट भी है।
गंगा नदी (Ganga Nadi) –
- गंगा नदी भारत की सबसे बड़ी और सबसे लंबी नदी है। इसकी लंबाई 2525 किलोमीटर है।
- हालांकि सिंधु और ब्रह्मपुत्र दोनों नदियां गंगा नदी से अधिक लंबी है पर इन दोनों नदियों की लंबाई भारत में गंगा से काफी कम है इसलिए भारत की सबसे बड़ी नदी गंगा कहलाती है।
- यह भारत की आर्थिक , सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण नदी है।
- भारत में सबसे बड़ा जल ग्रहण क्षेत्र गंगा नदी का है।
- गंगा नदी दो देशों से होकर प्रवाहित होती है – भारत और बांग्लादेश
- गंगा नदी का उद्गम उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गोमुख के निकट गंगोत्री हिमनद से होता है।
- गंगा नदी डेल्टा बनाते हुए बंगाल की खाड़ी में अपना मुहाना बनती है।
- गंगा नदी भारत के उत्तराखंड , उत्तर प्रदेश (सर्वाधिक) , बिहार , झारखंड (सबसे कम), पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में बहती है।
- पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में फरक्का नामक स्थान पर गंगा नदी दो भागों में विभाजित हो जाती है। इसकी एक शाखा बांग्लादेश में चली जाती है और दूसरी शाखा हुगली नदी के रूप में कोलकाता से होते हुए बंगाल की खाड़ी में गिर जाती है।
- हुगली नदी के किनारे ही कोलकाता शहर और कोलकाता बंदरगाह स्थित है। हुगली नदी को विश्व की सबसे विश्वासघाती नदी कहा जाता है।
- गंगा नदी सर्वप्रथम हरिद्वार में पर्वतीय भाग से निकलकर मैदान में प्रवेश करती है।
- गंगा नदी बिजनौर से उत्तर प्रदेश में प्रवेश करती है।
- गंगा नदी में बैक्टीरियोफेज नामक विषाणु (virus) पाए जाते हैं जो जीवाणुओं (bacteria) को खा जाते हैं। इसी कारण गंगा नदी का पानी खराब नहीं होता है। बैक्टीरियोफेज ही गंगा नदी को स्वत: शुद्धिकरण वाली नदी का दर्जा प्रदान करते हैं।
गंगा नदी का उद्गम स्थल (गंगा नदी कहां से निकलती है? ) –
- वास्तव में गंगा नदी कहीं से नहीं निकलती है। गंगा नदी का निर्माण उत्तराखंड में दो नदियों भागीरथी और अलकनंदा की संयुक्त धाराओं के मिलने से देवप्रयाग में होता है।
- सभी एग्जाम्स में भागीरथी नदी के उद्गम स्थल को ही गंगा नदी का उद्गम स्थल माना जाता है इसलिए हम भी भागीरथी के उद्गम स्थल को ही गंगा का उद्गम स्थल मानेंगे।
- अतः गंगा नदी का उद्गम उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गोमुख के निकट गंगोत्री हिमनद (glacier) से भागीरथी नदी के रूप में होता है। जब उत्तराखंड के देवप्रयाग में भागीरथी और अलकनंदा नदियां मिलती हैं तो इनकी संयुक्त धारा गंगा नदी कहलाती है।
पंच प्रयाग-
पंच प्रयाग को हम मैप की सहायता से समझने का प्रयास करते हैं इस आर्टिकल को पढ़ने के साथ-साथ मैप को भी देखते जाएं तो आप अच्छे से समझ पाएंगे-
अलकनंदा नदी-
- अलकनंदा नदी का निर्माण दो नदियों धौली गंगा नदी और विष्णु गंगा नदी की संयुक्त धाराओं के मिलने से होता है।
- विष्णु गंगा नदी और धौली गंगा नदी सतोपंथ ग्लेशियर से निकलते हैं। विष्णु गंगा नदी वद्रीनाथ से और धौली गंगा नदी नीति दर्रे के पास से निकलती है।
- वद्रीनाथ हिंदू धर्म के चार पवित्र धामों में से एक है। यह चारों धाम चारों दिशाओं में स्थित है। (1) वद्रीनाथ (उत्तराखंड) (2) द्वारका (गुजरात)(3) रामेश्वरम (तमिलनाडु) (4) पुरी (उड़ीसा)
- यदि आपसे पूछा जाए की वद्रीनाथ किस नदी के किनारे स्थित है तो आप उत्तर अलकनंदा नदी ही बताएंगे क्योंकि विष्णु गंगा अलकनंदा नदी का ही रूप है।
- धौलीगंगा नदी और विष्णु गंगा नदी विष्णु प्रयाग में मिलकर अलकनंदा नदी का निर्माण करती है।
- नंदाकिनी नदी नंदादेवी ग्लेशियर से निकलकर नंदप्रयाग में अलकनंदा नदी से मिलती है।
- पिंडर नदी (कर्ण गंगा) पिंडारी ग्लेशियर से निकलकर कर्णप्रयाग में अलकनंदा नदी से मिलती है।
- चरावाड़ी ग्लेशियर (केदारनाथ) से निकलकर मंदाकिनी नदी रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी से मिलती है।
- उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के गंगोत्री ग्लेशियर के गोमुख से निकलकर भागीरथी नदी देवप्रयाग में अलकनंदा नदी से मिलती है। यहीं से इन दोनों नदियों की संयुक्त शाखा गंगा नदी कहलाती है।
- उत्तराखंड की लोक कथाओं में भागीरथी नदी को सास का दर्जा दिया गया है और अलकनंदा नदी को बहू का दर्जा दिया गया है। क्योंकि भागीरथी नदी बहुत उथल-पुथल के साथ बहती है और अलकनंदा बड़ी शांति से बहती है।
- भागीरथी नदी और उसकी सहायक नदी भीलांगना के संगम पर भारत का सबसे ऊंचा बांध टिहरी बांध (उत्तराखंड में) बनाया गया है। भीलांगना नदी खतलिंग ग्लेशियर से निकलती है।
Note- भारत का सबसे ऊंचा बांध टिहरी बांध है पर भारत का सबसे ऊंचा गुरुत्वीय बांध भाखड़ा नांगल बांध है। बांध और बांधों के प्रकारों को हम बांध (Dams) वाले टॉपिक में विस्तार से समझेंगे।
गंगा नदी का नक्शा/ मानचित्र (Map of ganga nadi tantra) –
मैं आपको अपने हाथों से बनाया गया गंगा नदी तंत्र का नक्शा प्रदान कर रहा हूं। आप इस आर्टिकल को पढ़ते हुए सारे पॉइंट्स को इस नक्शे में भी देखते जाएं जिससे आपको याद रखने में आसानी होगी। आप इस मैप का प्रिंट आउट निकलवा सकते हैं इस मैप को अच्छी क्वालिटी में प्राप्त करने के लिए आप मेरे टेलीग्राम चैनल को ज्वाइन कर सकते हैं।
गंगा नदी की सहायक नदियां-
गंगा नदी की सहायक नदियों को पढ़ने की सुविधा की दृष्टि से हम दो भागों में बांट सकते हैं-
- गंगा नदी में बाए ओर से मिलने वाली नदियां
- गंगा नदी में दाएं ओर से मिलने वाली नदियां
यमुना नदी (Yamuna Nadi)-
(1) यह गंगा नदी की सबसे पश्चिमी , सबसे लंबी और सबसे महत्वपूर्ण सहायक नदी है।
(2) उद्गम- यमुना नदी का उद्गम उत्तराखंड की बंदरपूंछ पहाड़ी के यमुनोत्री ग्लेशियर से होता है।
(3) यमुना नदी की लंबाई 1370 किलोमीटर है।
(4) यमुना की सहायक नदियां-
- बाए ओर से मिलने वाली- टोंस , हिण्डन आदि।
- दाएं और से मिलने वाली- चंबल सिंध बेतवा केन आदि।
(5) यमुना के किनारे बसे प्रमुख शहर- दिल्ली , फरीदाबाद मथुरा , आगरा , इटावा, हमीरपुर , बांदा प्रयागराज आदि।
(6) मुहाना- यमुना नदी प्रयागराज में जाकर गंगा नदी से मिल जाती है।
चंबल नदी (Chambal River) –
(1) उद्गम- चंबल नदी विंध्य पर्वत श्रृंखला की जानापाव पहाड़ी (महू, इंदौर) से निकलती है।
(2) मुहाना- इटावा के पास यमुना नदी से मिल जाती है।
(3) प्रमुख सहायक नदियां- बनास , पार्वती , काली सिंध , क्षिप्रा आदि।
(4) विशेषताएं-
- चंबल नदी यमुना की सबसे बड़ी सहायक नदी है
- चंबल नदी मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमा पर बहती है। यानी राजस्थान और मध्य प्रदेश की सीमा बनाती है।
- चंबल नदी बड़ी मात्रा में अवनलिका अपरदन (गली अपरदन) करती है। जिसके कारण चंबल नदी की घाटी में बीहड़ (उत्खात भूमि) का निर्माण हुआ है।
- चंबल नदी घड़ियालों के लिए फेमस है यहां बड़ी मात्रा में घड़ियाल पाए जाते हैं और यहां घड़ियालों का संरक्षण भी किया जाता है।
- चंबल की सहायक नदी क्षिप्रा काकरी बरडी की पहाड़ी से निकलती है। क्षिप्रा नदी के किनारे ही उज्जैन शहर बसा हुआ है।
(5) चंबल नदी की परियोजनाएं-
- गांधी सागर (मंदसौर, MP)
- राणा प्रताप सागर (चित्तौड़गढ़, RJ)
- जवाहर सागर (RJ)
- कोटा बैराज (RJ)
सिंध नदी-
सिंध नदी यमुना की एक सहायक नदी है जो मालवा के पठार से निकलती है। सिंध नदी पर ही मध्य प्रदेश में मनीखेड़ा बांध बनाया गया है।
बेतवा नदी-
बेतवा नदी यमुना की सहायक नदी है। जो विंध्य पहाड़ी से निकलती है और हमीरपुर में यमुना से मिल जाती है। बेतवा नदी पर ही मध्य प्रदेश में माता टीला परियोजना बनाई गई है।
केन नदी-
केन नदी यमुना की सहायक नदी है जो कैमूर की पहाड़ी से निकलती है और बांदा के निकट यमुना नदी से मिल जाती है। केन नदी मध्य प्रदेश के पन्ना नेशनल पार्क से होकर गुजरती है।
Note- केन और बेतवा नदियों को जोड़ा जा रहा है। मध्य प्रदेश सरकार केन और बेतवा जोड़ो परियोजना के अंतर्गत 231.75 किलोमीटर लंबी नहर की सहायता से इन दोनों नदियों को जोड़ रही है। इस परियोजना से पन्ना राष्ट्रीय उद्यान प्रभावित हो रहा है।
सोन नदी-
- सोन नदी गंगा की दाएं और से आकर मिलने वाली सहायक नदी है। सोन नदी अमरकंटक पहाड़ी (अनूपपुर, MP) से निकलती है।
- अमरकंटक पहाड़ी से दो नदियां निकलती हैं एक सोन नदी जो उत्तर की ओर बहते हुए गंगा नदी से मिल जाती है। दूसरी नर्मदा नदी जो पूर्व की ओर प्रायद्वीपीय भारत के ढाल के विपरीत अपनी भ्रंश घाटी में बहती हुई खंभात की खाड़ी में गिरती है।
- सोन नदी पटना के पास गंगा नदी से मिल जाती है।
- सोन नदी की सहायक नदियां- रिहंद, कोली, गोपाल आदि हैं।
- सोन नदी पर बाणसागर परियोजना (मध्य प्रदेश) और इंद्रपुरी बैराज (रोहतास ,बिहार) बनाया गया है।
- सोन नदी की सहायक नदी रिहंद पर रिहंद बांध उत्तर प्रदेश के पिपरी नामक स्थान पर बनाया गया है। इसी बांध के कारण इस बांध के पीछे भारत की सबसे बड़ी कृत्रिम झील गोविंद बल्लभ पंत सागर झील का निर्माण हुआ है।
पुनपुन नदी-
पुनपुन नदी छोटा नागपुर पठार से निकलती है और बिहार के फतुहा नामक स्थान पर गंगा नदी से मिल जाती है। बिहार का गया शहर पुनपुन नदी के किनारे ही बसा हुआ है पुनपुन नदी को निरंजना नदी भी कहते हैं निरंजना नदी के तट पर ही गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
रामगंगा नदी-
- रामगंगा नदी का उद्गम उत्तराखंड के गढ़वाल पहाड़ी के नामिक ग्लेशियर से होता है और कन्नौज के पास गंगा नदी से मिल जाती है।
- यह गंगा नदी से बाई ओर से मिलने वाली पहली सहायक नदियां।
- रामगंगा नदी उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (रामगंगा नेशनल पार्क नया नाम) के मध्य से होकर गुजरती है। रामगंगा नदी के किनारे यूपी के बरेली और बदायूं शहर स्थित है।
गोमती नदी-
- गोमती नदी यूपी के पीलीभीत जिले की फुलहर झील/ गोमत ताल से निकलती है और गाजीपुर के पास गंगा नदी से मिल जाती है।
- गोमती नदी मैदानी भाग से निकलने वाली गंगा की एकमात्र सहायक नदी है।
- यूपी के लखनऊ और जौनपुर शहर गोमती नदी के किनारे स्थित है।
घाघरा नदी-
- घाघरा नदी तिब्बत के भरचा चुंग (मापचा चुंग) ग्लेशियर से निकलती है और बिहार के छपरा नामक स्थान पर गंगा नदी से मिल जाती है।
- शारदा (काली), सरयू , राप्ती , छोटी गंडक आदि नदियां घाघरा नदी की सहायक नदियां हैं।
- शारदा (काली) नदी मिलाप ग्लेशियर से निकलकर बाराबंकी में घाघरा नदी से मिल जाती है।
- सरयू नदी के किनारे अयोध्या शहर बसा हुआ है।
गंडक नदी-
- गंडक नदी का उद्गम नेपाल तिब्बत सीमा, माउंट एवरेस्ट के निकट धौलागिरी से होता है और पटना के पास गंगा नदी से मिल जाती है।
- काली गंडक तथा त्रिशूल गंगा गंडक नदी की सहायक नदियां हैं।
- गंडक नदी पर भारत और नेपाल मिलकर के एक गंडक परियोजना बना रहे हैं।
कोसी नदी-
- कोसी नदी नेपाल के गोसाई धाम ग्लेशियर से सात धाराओं के रूप में निकलती है जिसमें से तीन धाराएं भारत में आती हैं। इसीलिए इस नदी को सप्तकोशी भी कहते हैं।
- कोसी नदी बिहार के भागलपुर में गंगा नदी से मिल जाती है।
- इसकी सहायक नदियों में सुन कोसी, अरुण कोसी, तुमर कोसी आदि शामिल है।
- यह नदी बाढ़ तथा मार्ग परिवर्तन के लिए कुख्यात है। कोसी नदी में अवसादों की मात्रा अधिक होने के कारण यह अपने मार्ग को स्वयं ही अवरुद्ध कर लेती है इसीलिए यह मार्ग परिवर्तित करती है। अत्यधिक बाढ़ के कारण इसे ‘बिहार का शोक’ कहा जाता है।
महानंदा नदी-
महानंदा नदी पश्चिम बंगाल की दार्जिलिंग पहाड़ियों से निकलती है। यह गंगा के बाएं तट पर मिलने वाली गंगा नदी की सबसे पूर्वी अथवा अंतिम सहायक नदी है।
गंगा और उसकी सहायक नदियों के किनारे बसे हुए प्रमुख शहर-
क्रमांक | शहर | नदी |
1 | वद्रीनाथ | अलकनंदा |
2 | केदारनाथ | मंदाकिनी |
3 | ऋषिकेश | गंगा |
4 | हरिद्वार | गंगा |
5 | बिजनौर | गंगा |
6 | कन्नौज | गंगा |
7 | कानपुर | गंगा |
8 | प्रयागराज | गंगा और यमुना |
9 | गाजीपुर | गंगा |
10 | वाराणसी | गंगा |
11 | बेगूसराय | गंगा |
12 | पटना | गंगा और सोन |
13 | भागलपुर | गंगा |
14 | बक्सर | गंगा |
15 | फरक्का | गंगा |
16 | दिल्ली | यमुना |
17 | मथुरा | यमुना |
18 | आगरा | यमुना |
19 | इटावा | यमुना |
20 | हमीरपुर | यमुना और बेतवा |
21 | बांदा | यमुना और केन |
22 | उज्जैन | क्षिप्रा |
23 | अयोध्या | सरयू |
24 | बरेली | रामगंगा |
25 | बदायूं | रामगंगा |
26 | लखनऊ | गोमती |
27 | जौनपुर | गोमती |
28 | ओरछा | बेतवा |
29 | कोलकाता | हुगली |
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Very Nice notes
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